यह दिव्य बीजमंत्र अथर्ववेद का अति रहस्यमय व् गोपनीय मंत्र हें ! अथर्ववेद में इसकी बड़ीं महिमा हें ! इसमें भगवान ब्रम्हा,विष्णु,महेश,माँ महालक्ष्मी,माँ काली,माँ सरस्वती,भगवान कुबेर,भगवान इंद्र आदि देवताओं कि दिव्य शक्तियां विद्धमान हें ! अथर्ववेद का यह मन्त्र वि-शृखंल रूप से जानबूझकर छुपाया गया हें और कई भागों में विभक्त किया गया हें ! इससे यह स्पष्ट होता हे कि यह मन्त्र कितना गोपनीय व् महत्वपूर्ण हें ! यह सभी मंत्रो का मुकुटमणि हें !
मन्त्र का श्लोक इस प्रकार हें -कामो योनिः कमला वज्र पनिर्गुहा हसा मात-रिश्र्वा अभ्र इन्द्रः ! पुनर्गुहा सकला मायया च पुरुच्येसा विश्र्व मातादी विद्धों!!
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